दासता-ऐ-ज़िन्दगी

इसके पेहलु है अलग,

इसके रंग है प्रत्येक,

इसकी ख्वाइशे है अजब,

और इसके तोहफे है अनेक |

ये थमती नहीं है,

ये भागती नहीं है,

एक समय का पहिया है,

सब खेल चलाता है |

हम जीतते नहीं ज़िन्दगी से,

ना हारते है ज़िन्दगी से,

सदा सीखने वाला इंसान

सिर्फ जीता है ज़िन्दगी में |