मेरे कृष्ण सावले
मुख पर है जिसके तेज़,
सजी है जिसके लिए यह सेज़|
है जिसके मुकुट पर मोर पंख,
और जो रखते है सदा अपने संग|
एक सुंदर सी मुरली,
पवित्र करती है संसार को जिसकी ध्वनि|
कहते है इनको माखन चोर,
जो चुराते है माखन बिना किये कोई शोर|
है जिसके मोह में बंधी मीरा,
और जो रचाते है गोपियों संग रास लीला|
है जिसके दिल में बसी राधे,
वो है मेरे कृष्ण सावले|
Jai Shri Krishna 🙏🙏😍😍
Ati Uttam Kriti!!😄😊
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Thank You Aish… 🥰
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Waah pelyy sirra
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Thank You Kamal 🙂 🙂
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वाह।बेहतरीन कविता।👌👌
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Shukriya… 🙂 🙂
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